डॉक्टरों के साथ बातचीत में नहीं पहुंचने पर बंगाल सीएम ममता बनर्जी ने जताया दुख, कहा- ‘मैं माफी मांगती हूं’
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने गुरुवार को कहा कि वह आम लोगों के लिए न्याय की खातिर अपनी कुर्सी छोड़ने को भी तैयार हैं। उन्होंने यह भी कहा कि डॉक्टरों के साथ बातचीत में नहीं पहुंचने पर वह बंगाल के लोगों से माफी मांगती हैं।ममता बनर्जी ने कहा, “मैं आम लोगों के लिए न्याय की खातिर इस्तीफा देने को भी तैयार हूं, लेकिन वे न्याय नहीं चाहते, उन्हें सिर्फ कुर्सी चाहिए।” उन्होंने कहा कि मुझे सीएम की कुर्सी नहीं चाहिए, बल्कि पीड़िता के लिए न्याय चाहिए।
डॉक्टरों के मीटिंग में नहीं पहुंचने पर सरकार ने जताया दुख
गुरुवार को ममता सरकार और आंदोलनरत डॉक्टरों की मीटिंग नहीं हो सकी। सरकार ने तीसरी बार डॉक्टरों को बातचीत के लिए बुलाया था। सीएम ममता बनर्जी भी बातचीत के लिए नबन्ना के कॉन्फ्रेंस हॉल में 2 घंटे तक डॉक्टरों का इंतजार करती रहीं, लेकिन डॉक्टरों का प्रतिनिधिमंडल मीटिंग की लाइव स्ट्रीमिंग को लेकर अड़ा रहा और मीटिंग में नहीं पहुंचा।
इसके बाद ममता बनर्जी ने कहा कि वह बंगाल के लोगों से माफी मांगती हैं। उन्होंने कहा, “मैं आंदोलन का सम्मान करती हूं। मैं 26 दिनों तक भूख हड़ताल पर बैठी रही, लेकिन वाम मोर्चा सरकार का कोई भी मंत्री बातचीत के लिए नहीं आया।”
मीटिंग में शामिल होने के लिए डॉक्टरों ने रखीं ये शर्तें
गुरुवार को ममता सरकार ने पत्र लिखकर डॉक्टरों को बातचीत के लिए शाम 5 बजे बुलाया था। अपने पत्र में सरकार ने मीटिंग में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की उपस्थिति की डॉक्टरों की मांग को स्वीकार कर लिया था, लेकिन मीटिंग की लाइव स्ट्रीमिंग करने की उनकी शर्त को खारिज कर दिया और प्रदर्शन कर रहे 30 डॉक्टरों के प्रतिनिधिमंडल की जगह सिर्फ 15 की अनुमित देने का फैसला किया।डॉक्टरों ने बातचीत के प्रस्ताव को स्वीकार कर लिया था और नबन्ना भी पहुंचे, लेकिन लाइव स्ट्रीमिंग को लेकर अड़ गए और कॉन्फ्रेंस हॉल के अंदर नहीं गए।
सरकार ने कहा- मीटिंग रिकॉर्ड करने की व्यवस्था थी
मुख्य सचिव मनोज पांट ने कहा कि हमने डॉक्टरों को समझाया कि हमने क्या-क्या व्यवस्था की है। हमने रिकॉर्डिंग की व्यवस्था की है ताकि पूरी कार्यवाही अच्छी तरह दस्तावेज़ीकृत हो जाए। दोनों पक्षों के बीच विश्वास होना चाहिए।
उन्होंने कहा, “हम उनकी बात सुनना चाहते हैं। इसमें कोई मतभेद या राय नहीं होनी चाहिए, कोई टकराव की स्थिति नहीं है। हम दोनों एक ही उद्देश्य के साथ काम कर रहे हैं। तो मुझे नहीं समझ आता कि वे क्यों महसूस कर रहे हैं कि जब तक लाइव स्ट्रीमिंग न हो, हम मीटिंग में नहीं जाएंगे। हम सब कुछ दस्तावेज़ीकृत करना चाहते हैं और उनसे ठीक से चर्चा करना चाहते हैं।”
सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बावजूद डॉक्टरों का प्रदर्शन जारी
सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार शाम 5 बजे तक डॉक्टरों को काम पर लौटने की डेडलाइन दी थी, लेकिन डॉक्टरों ने प्रदर्शन जारी रखा। वहीं बंगाल सरकार ने भी 10 डॉक्टरों के प्रतिनिधिमंडल को मंगलवार को मिलने के लिए बुलाया था, लेकिन डॉक्टरों ने इस प्रस्ताव को खारिज कर दिया था।
इस संकट के बीच ममता बनर्जी ने कहा कि पिछले एक महीने में सरकारी अस्पतालों में चिकित्सा सेवाओं की कमी के कारण 27 मरीज़ों की मौत हो गई है। उन्होंने कहा, “हाल ही में आरजी कर में एक दुर्घटना के मरीज़ की बिना इलाज के मौत हो गई, उसकी मां का क्या? उसके परिवार का क्या हुआ? मेरा दिल सभी के लिए रोता है।”