भारत शिक्षा एक्सपो 2024: शिक्षा क्षेत्र में नवाचार और रोजगार के अवसरों का आयोजन
भारत शिक्षा एक्सपो 2024 का पहला संस्करण 11 से 13 नवंबर 2024 तक ग्रेटर नोएडा में आयोजित किया जा रहा है। इस भव्य आयोजन का उद्घाटन उत्तर प्रदेश के उच्च शिक्षा मंत्री योगेंद्र उपाध्याय ने किया। उन्होंने इसे “शिक्षा क्षेत्र का महाकुंभ” करार दिया, जो छात्रों और विद्वानों के लिए एक महत्वपूर्ण मंच है। इस एक्सपो का उद्देश्य भारत को “विश्वगुरु” बनाने की दिशा में कदम बढ़ाना है।
इस आयोजन में विभिन्न राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय विश्वविद्यालयों के प्रतिनिधि शामिल हो रहे हैं, जो शैक्षिक नवाचार और रोजगार के नए अवसरों पर चर्चा करेंगे। मंत्री उपाध्याय ने कहा कि ग्रेटर नोएडा अब नालंदा और तक्षशिला जैसे प्राचीन शिक्षा केंद्रों के समान बन रहा है। यह एक्सपो छात्रों को ज्ञान और कौशल प्राप्त करने का एक अनूठा अवसर प्रदान करेगा।
नई उच्च शिक्षा प्रोत्साहन नीति 2024 और उद्योग-शैक्षिक सहयोग
इस अवसर पर उत्तर प्रदेश की नई उच्च शिक्षा प्रोत्साहन नीति 2024 का भी शुभारंभ किया गया। यह नीति उच्च शिक्षा में उत्कृष्टता और समावेशिता को बढ़ावा देने के लिए बनाई गई है। मंत्री उपाध्याय ने बताया कि यह नीति छात्रों को बेहतर रोजगार के अवसर प्रदान करने के लिए तैयार की गई है, जिससे वे अपनी क्षमताओं को पहचान सकें।
उच्च शिक्षा प्रोत्साहन नीति में कई महत्वपूर्ण पहलू शामिल हैं, जैसे कि स्टाम्प शुल्क में छूट और विदेशी विश्वविद्यालयों के लिए विशेष प्रोत्साहन। यह नीति निवेशकों को आकर्षित करने के लिए एक सहयोगी वातावरण बनाने पर केंद्रित है। इसके माध्यम से, सरकार उच्च शिक्षा क्षेत्र में नवाचार को बढ़ावा देना चाहती है।
छात्रों के लिए नवीनतम शैक्षिक प्रवृत्तियाँ और कार्यशालाएँ
भारत शिक्षा एक्सपो 2024 छात्रों को नवीनतम शैक्षिक प्रवृत्तियों से अवगत कराने का एक मंच है। इसमें कार्यशालाएँ, गोलमेज चर्चाएँ और इंटरएक्टिव लैब शामिल हैं। ये सभी गतिविधियाँ छात्रों को आज के रोजगार बाजार के लिए आवश्यक कौशल सिखाने पर केंद्रित हैं, जिससे वे अपने करियर में सफलता प्राप्त कर सकें।
इस एक्सपो में गलगोटिया यूनिवर्सिटी, शारदा यूनिवर्सिटी, और कनाडा का नॉर्थ आइलैंड कॉलेज जैसे प्रतिष्ठित संस्थान शामिल हैं। यह विभिन्न क्षेत्रों में उभरते अवसरों की खोज करने का एक अनूठा अवसर प्रदान करेगा। इसके अलावा, छात्र उद्योग विशेषज्ञों से सीधे संवाद कर सकते हैं, जो उन्हें मार्गदर्शन प्रदान करेंगे।
उत्तर प्रदेश की अग्रणी भूमिका और भविष्य की दिशा
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री के शिक्षा सलाहकार धीरेंद्र पाल सिंह ने कहा कि राज्य अब शिक्षा में एक अग्रणी भूमिका निभा रहा है। उन्होंने बताया कि पहले विदेशी संस्थान यहाँ निवेश करने से हिचकते थे, लेकिन अब स्थिति बदल गई है। यह बदलाव राज्य सरकार की दूरदर्शिता और सकारात्मक नीतियों का परिणाम है।
डॉ. राकेश कुमार, आईईएमएल के चेयरमैन ने इस एक्सपो को युवाओं के लिए एक आंदोलन बताया, जो उन्हें रचनात्मकता और उद्यमशीलता की दिशा में मार्गदर्शन करेगा। उन्होंने कहा कि हमारा उद्देश्य नौकरी चाहने वालों के बजाय नौकरी देने वालों की एक पीढ़ी तैयार करना है।