पीएम मोदी ने संसद के शीतकालीन सत्र की शुरुआत से पहले विपक्ष को सुनाई खरी-खरी

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PM Modi in Sansad

 प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संसद के शीतकालीन सत्र की शुरुआत से पहले विपक्ष को जमकर सुनाया। उन्होंने स्पष्ट किया कि सदन का समय बर्बाद नहीं किया जाना चाहिए। पीएम मोदी ने कहा कि विपक्ष को अपनी जिम्मेदारियों को समझते हुए सही तरीके से काम करना चाहिए।

विपक्ष मणिपुर और वक्फ संशोधन विधेयक को लेकर सरकार को घेरने के लिए तैयार है। लेकिन पीएम ने दो टूक शब्दों में कहा कि सदन का समय बर्बाद नहीं होना चाहिए। उन्होंने कहा, “शीतकालीन सत्र है, तो माहौल भी शीत रहेगा,” जो हाल के चुनावों में कांग्रेस की हार की ओर इशारा करता है।

विपक्ष पर पीएम का हमला

पीएम मोदी ने विपक्ष पर हमला करते हुए कहा कि कुछ लोग सदन में हंगामा करते हैं और अपने दायित्वों की परवाह नहीं करते। उन्होंने कहा कि संसद में स्वस्थ चर्चा होनी चाहिए और ज्यादा से ज्यादा लोग चर्चा में योगदान दें।

उन्होंने आगे कहा, “दुर्भाग्य से कुछ लोग अपने राजनीतिक स्वार्थ के लिए संसद की कार्यवाही को बाधित कर रहे हैं। ये वही लोग हैं जिन्हें जनता ने अस्वीकार किया है।” उनका यह बयान नए सांसदों के अधिकारों को दबाने वाले पुराने नेताओं पर भी था।

संविधान के 75वें वर्ष का उत्सव

पीएम मोदी ने इस सत्र को विशेष बताते हुए कहा कि यह संविधान के 75वें वर्ष की शुरुआत का अवसर है। उन्होंने कहा, “हमारे संविधान की 75 साल की यात्रा लोकतंत्र के लिए एक उज्ज्वल अवसर है।” कल सभी सांसद मिलकर इस अवसर का जश्न मनाएंगे।

उन्होंने यह भी कहा कि इस सत्र में कई महत्वपूर्ण विधेयक पेश किए जाएंगे, जिनमें वक्फ (संशोधन) विधेयक और बैंकिंग नियम (संशोधन) विधेयक शामिल हैं। इन विधेयकों पर चर्चा के दौरान विपक्ष सरकार को घेरने की तैयारी में है।

विपक्ष के मुद्दे और सरकार की योजना

विपक्ष ने पहले से ही मुद्दों की एक सूची तैयार कर ली है। वे वक्फ बोर्ड और मणिपुर के मुद्दे पर सरकार को घेरने की योजना बना रहे हैं। पीएम मोदी ने स्पष्ट किया कि सदन का समय बर्बाद नहीं होना चाहिए और सभी सांसदों को अपनी जिम्मेदारियों का पालन करना चाहिए।

संसद में हंगामे की आशंका जताई जा रही है, लेकिन सरकार कई महत्वपूर्ण विधेयकों को पारित कराने की कोशिश करेगी। इनमें बैंकिंग नियम (संशोधन) विधेयक और रेलवे (संशोधन) विधेयक शामिल हैं, जिन्हें पिछले सत्र में पेश किया गया था लेकिन पारित नहीं हो सके।

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