हरयाणा के नारनौल के डॉ. निखिल यादव ने महात्मा गांधी पर लिखी नई पुस्तक
महेंद्रगढ़ जिले के नारनौल तहसील के छोटे से गांव ढाणी चुड़ेली (फैज़ाबाद) के निवासी डॉ. निखिल यादव ने “महात्मा गांधी पर श्री रामकृष्ण परमहंस और स्वामी विवेकानंद का प्रभाव” विषय पर एक नई पुस्तक लिखी है। इस पुस्तक के माध्यम से उन्होंने अपने गांव का नाम सम्पूर्ण भारत में रोशन किया है।
डॉ. निखिल यादव का जन्म सुरेश कुमार यादव और अनीता यादव के घर हुआ। उनका बचपन गांव में ही बीता, लेकिन शिक्षा के लिए उन्हें पहले नारनौल और फिर पंचकुला जाना पड़ा। उन्होंने दिल्ली विश्वविद्यालय के दिल्ली कॉलेज ऑफ आर्ट्स एंड कॉमर्स से स्नातक की डिग्री प्राप्त की। इसके बाद, उन्होंने दिल्ली विश्वविद्यालय के इतिहास विभाग से परास्नातक किया और जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय से पी-एच.डी. की उपाधि हासिल की।
पुस्तक का उद्देश्य और विषय
डॉ. निखिल यादव ने अपनी पुस्तक में यह विस्तार से बताया है कि महात्मा गांधी, जो कभी श्री रामकृष्ण परमहंस और स्वामी विवेकानंद से नहीं मिले, फिर भी उनके उपदेशों से गहरे प्रभावित थे। उन्होंने बताया कि गांधीजी अपने भाषणों, पत्रों और चर्चाओं में अक्सर रामकृष्ण और विवेकानंद के शिक्षाओं का उल्लेख करते थे। यह पुस्तक गांधीजी के दर्शन की आध्यात्मिक नींव को उजागर करती है।
डॉ. यादव का कहना है कि इस पुस्तक के माध्यम से उन्होंने यह स्पष्ट किया है कि कैसे रामकृष्ण और विवेकानंद के विचारों ने गांधीजी के नैतिक और राजनीतिक विश्वासों को आकार दिया। यह अध्ययन पाठकों को गांधीजी की सोच और उनके कार्यों को समझने में मदद करेगा।
विवेकानंद केंद्र से जुड़ाव
डॉ. निखिल पिछले 8 वर्षों से विवेकानंद केंद्र कन्याकुमारी से जुड़े हुए हैं। वर्तमान में, वह विवेकानंद केंद्र, उत्तर प्रांत (दिल्ली, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, जम्मू व कश्मीर, लद्दाख) में प्रान्त युवा प्रमुख हैं। वह अपने समय का अधिकांश भाग संगठन को देते हैं और बच्चों एवं युवाओं के लिए व्यक्तित्व विकास शिविर आयोजित करते हैं।
उन्होंने दिल्ली विश्वविद्यालय के 3 दर्जन से अधिक महाविद्यालयों में व्याख्यान दिए हैं, जिसमें देश का नंबर एक कॉलेज मिरांडा हाउस भी शामिल है। निखिल को हंसराज कॉलेज, किरोड़ीमल कॉलेज, श्री वेंकटेश्वरा कॉलेज और देशबंधु कॉलेज जैसे प्रतिष्ठित संस्थानों में भी बुलाया जाता है।
राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर योगदान
डॉ. निखिल यादव ने अंतर्राष्ट्रीय और राष्ट्रीय सम्मेलनों में भी भाग लिया है। उन्होंने दक्षिण एशियाई विश्वविद्यालय, जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय, जामिया मिलिया इस्लामिया विश्वविद्यालय, एमिटी विश्वविद्यालय, नोएडा और गोविन्द बल्लभ पंत कृषि एवं प्रौद्योगिक विश्वविद्यालय जैसे प्रतिष्ठित स्थानों पर व्याख्यान दिए हैं।
उनके लेख कई प्रमुख राष्ट्रीय समाचार पत्रों और न्यूज़ पोर्टलों में प्रकाशित हो चुके हैं। उनकी लेखनी ने उन्हें समाज में एक महत्वपूर्ण आवाज बना दिया है।