भारत और अमेरिका ने अरबों डॉलर के ड्रोन सौदे पर हस्ताक्षर किए

भारत ने अमेरिका से 3 अरब डॉलर के ड्रोन खरीदे

भारत ने अमेरिका से 3 अरब डॉलर के ड्रोन खरीदे

भारत और अमेरिका ने हाल ही में अरबों डॉलर के ड्रोन सौदे को अंतिम रूप दिया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन के बीच हुई द्विपक्षीय वार्ता में इस महत्वपूर्ण सौदे पर चर्चा की गई। भारत, अमेरिका से 31 MQ-9B स्काई गार्जियन और सी गार्जियन ड्रोन खरीदने जा रहा है, जिसकी कुल कीमत लगभग 3 अरब डॉलर है। यह सौदा भारत के लिए चीन के साथ सीमा पर अपने सशस्त्र बलों की निगरानी क्षमताओं को बढ़ाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।

ड्रोन सौदे का विवरण

यह सौदा पिछले एक साल से अधिक समय से चल रही बातचीत का परिणाम है। पिछले साल जून में, भारतीय रक्षा मंत्रालय ने अमेरिका से हवा से सतह पर मार करने वाली मिसाइलों और लेजर-गाइडेड बमों से लैस MQ-9B स्काई गार्जियन और सी गार्जियन सशस्त्र ड्रोन की खरीद को मंजूरी दी थी।

इसके अलावा, भारतीय नौसेना इस वित्तीय वर्ष में दो अन्य बड़े रक्षा सौदों की योजना बना रही है, जिसमें 3 और स्कॉर्पीन पनडुब्बियां और 26 राफेल-एम लड़ाकू विमान शामिल हैं।

MQ-9B ड्रोन की विशेषताएँ

MQ-9B ड्रोन एक उच्च ऊंचाई और लंबे समय तक उड़ान भरने वाला मानव रहित विमान है, जिसे जनरल एटॉमिक्स द्वारा विकसित किया गया है। यह ड्रोन सभी प्रकार के मौसम में उपग्रह के माध्यम से 40 घंटे तक उड़ान भर सकता है और नागरिक हवाई क्षेत्र में सुरक्षित रूप से काम कर सकता है। इसके कुछ प्रमुख उपयोग इस प्रकार हैं:

  • मानवीय सहायता/आपदा राहत
  • खोज और बचाव
  • समुद्री डोमेन जागरूकता
  • एंटी-सरफेस युद्ध
  • एंटी-पनडुब्बी युद्ध
  • वायुजनित खनन काउंटरमेशर्स

भारत में ड्रोन का उपयोग

भारत द्वारा खरीदे जाने वाले 31 MQ-9B ड्रोन भारतीय नौसेना, भारतीय वायु सेना और भारतीय सेना के बीच वितरित किए जाएंगे। इनमें से 16 ड्रोन भारतीय नौसेना को हिंद महासागर क्षेत्र में निगरानी बढ़ाने के लिए दिए जाएंगे, जबकि 8 ड्रोन भारतीय सेना को चीन के साथ वास्तविक नियंत्रण रेखा पर उपयोग के लिए आवंटित किए जाएंगे। शेष 8 ड्रोन भारतीय वायु सेना को सीमाओं के पार लक्षित मिशनों के लिए सौंपे जाएंगे।

यह सौदा भारत की सुरक्षा रणनीति में एक महत्वपूर्ण मोड़ साबित हो सकता है, खासकर जब बात चीन के साथ सीमा विवाद की होती है। नए ड्रोन को चीन सीमा पर तैनात करने की योजना बनाई जा रही है, जिससे भारत अपनी निगरानी क्षमताओं को मजबूत कर सकेगा। यह कदम न केवल सैन्य दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है, बल्कि यह क्षेत्रीय सुरक्षा संतुलन को भी प्रभावित करेगा।

इस प्रकार, भारत और अमेरिका के बीच यह ड्रोन सौदा न केवल सैन्य सहयोग को बढ़ावा देगा, बल्कि दोनों देशों के बीच रणनीतिक संबंधों को भी मजबूत करेगा।