घरेलू शेयर बाजार में गिरावट: सेंसेक्स और निफ्टी में दो फीसदी से अधिक की गिरावट
गुरुवार को घरेलू शेयर बाजार में तेज बिकवाली देखने को मिली, जिसके चलते सेंसेक्स और निफ्टी दोनों में लगभग दो फीसदी से अधिक की गिरावट आई। इस गिरावट का मुख्य कारण पश्चिम एशिया में बढ़ते तनाव के चलते निवेशकों की सतर्कता थी। वायदा कारोबार की एक्सपायरी के दिन सेंसेक्स 1,811 अंक या 2.15% फिसलकर 82,455.08 पर कारोबार करता दिखाई दिया। वहीं, निफ्टी भी 554 अंक या लगभग 2.15% टूटकर 25,242 पर पहुंच गया। इस दौरान निवेशकों को करीब 11 लाख करोड़ रुपये का नुकसान हुआ।
पश्चिम एशिया में तनाव का प्रभाव
पश्चिम एशिया में तनाव के कारण कच्चे तेल की कीमतों में बढ़ोतरी की आशंका बढ़ गई है। बीएसई पर सूचीबद्ध सभी कंपनियों का बाजार पूंजीकरण 5.63 लाख करोड़ रुपये घटकर 469.23 लाख करोड़ रुपये रह गया है। हाल ही में ईरान द्वारा इस्राइल पर बैलिस्टिक मिसाइल दागे जाने के बाद से इस क्षेत्र में तनाव बढ़ने की आशंका जताई जा रही है।
यदि यह संघर्ष तेज होता है, तो इससे तेल की आपूर्ति बाधित हो सकती है, जो भारत जैसे कमोडिटी आयातक देशों के लिए नकारात्मक होगा।गुरुवार को कच्चे तेल की कीमतों में बढ़ोतरी देखी गई, जिससे भारत के आयात बिल पर दबाव बढ़ा है। इस तरह के हालात ने निवेशकों को नई खरीदारी से दूर रहने के लिए मजबूर किया है।
सेंसेक्स और निफ्टी के प्रदर्शन
सेंसेक्स के प्रमुख शेयरों में रिलायंस इंडस्ट्रीज, एचडीएफसी बैंक, आईसीआईसीआई बैंक, महिंद्रा एंड महिंद्रा, एलएंडटी और भारती एयरटेल शामिल रहे, जो इंडेक्स के फिसलने के लिए जिम्मेदार रहे। दूसरी ओर, जेएसडब्ल्यू स्टील और टाटा स्टील ही ऐसे शेयर थे जो बढ़त के साथ खुले।इस बीच, निफ्टी ऑयल एंड गैस इंडेक्स में भी शुरुआती कारोबार में 1.2% से अधिक की गिरावट आई। इसमें हिंदुस्तान पेट्रोलियम, आईओसी और जीएसपीएल सबसे अधिक प्रभावित रहे। इंडिया VIX भी 8.9% उछलकर 13.06 पर पहुंच गया।
ईरान-इस्राइल संघर्ष ने वैश्विक बाजारों पर चिंता का माहौल बना दिया है। हालिया रिपोर्टों के अनुसार, ईरान द्वारा हमले के बाद इस्राइली सेना ने दक्षिण लेबनान में अपने आठ सैनिकों की मौत की पुष्टि की है। ऐसे में निवेशकों को डर है कि इस स्थिति का असर कच्चे तेल के उत्पादन पर पड़ेगा।इसके अलावा, कच्चे तेल की कीमतों में वृद्धि ने भी बाजार पर नकारात्मक असर डाला है। ब्रेंट क्रूड ने 75 डॉलर प्रति बैरल का स्तर पार कर लिया है, जबकि वेस्ट टेक्सास इंटरमीडिएट क्रूड भी 72 डॉलर पर पहुंच गया है।
वायदा कारोबार नियमों का सख्त होना
भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) ने हाल ही में वायदा कारोबार नियमों को सख्त करने का निर्णय लिया है। इससे रिटेलर्स को निराशा हो सकती है और ट्रेडिंग गतिविधियों में कमी आ सकती है। यह अनिश्चितता निवेशकों की चिंता को बढ़ा रही है।
चीन के शेयर बाजार में मजबूती भी भारतीय निवेशकों के लिए चिंता का विषय बनी हुई है। हालिया वर्षों में चीन के शेयर बाजार ने खराब प्रदर्शन किया था, लेकिन अब चीनी सरकार द्वारा आर्थिक प्रोत्साहन उपायों की घोषणा के बाद वहां तेजी आई है।
रुपये में गिरावट
कच्चे तेल की बढ़ती कीमतों और मध्य पूर्व में तनाव की चिंताओं के बीच भारतीय रुपये ने भी कमजोरी दिखाई। गुरुवार को डॉलर के मुकाबले रुपया 11 पैसे कमजोर होकर 83.93 पर आ गया। मुद्रा व्यापारियों का मानना है कि विदेशी निवेशकों का भारतीय पूंजी बाजार से बाहर निकलना रुपये पर दबाव डाल रहा है।
गुरुवार को घरेलू शेयर बाजारों में आई गिरावट ने निवेशकों को सतर्क कर दिया है। पश्चिम एशिया में बढ़ते तनाव और कच्चे तेल की कीमतों में वृद्धि ने बाजार पर नकारात्मक प्रभाव डाला है। निवेशकों को सलाह दी जा रही है कि वे सतर्क रहें और मौजूदा आर्थिक हालात पर नजर रखें।