नोएडा-गाजियाबाद में भूकंप के झटके, लोग अफरातफरी में बाहर निकले

नोएडा सोसाइटी

नोएडा-गाजियाबाद में भूकंप के झटके महसूस हुए

आज दोपहर नोएडा और गाजियाबाद में अचानक आए भूकंप के झटकों ने लोगों में अफरातफरी मचा दी। जैसे ही लोगों ने झटके महसूस किए, वे तुरंत अपने घरों और दफ्तरों से बाहर भागने लगे। कई लोगों ने सोशल मीडिया पर भूकंप के झटकों का वीडियो भी शेयर किया।

भूकंप का केंद्र और तीव्रता

भूकंप का केंद्र पाकिस्तान के अमृतसर से लगभग 415 किलोमीटर पश्चिम में था। नेशनल सेंटर फॉर सीस्मोलॉजी के अनुसार, भूकंप की तीव्रता 5.8 मापी गई और इसकी गहराई 10 किलोमीटर थी।

इस भूकंप का सबसे तेज असर इस्लामाबाद में महसूस किया गया।जर्मन रिसर्च सेंटर फॉर जियोसाइंसेज (GFZ) के अनुसार, भूकंप की तीव्रता 5.8 थी। पाकिस्तान के मौसम विभाग ने कहा कि भूकंप का केंद्र पंजाब प्रांत के दक्षिण-पश्चिमी हिस्से में डेरा घाजी खान क्षेत्र के पास था।

क्षेत्र की भौगोलिक स्थिति

दिल्ली-नोएडा का क्षेत्र भूकंप के लिए संवेदनशील माना जाता है। भूगर्भ वैज्ञानिकों के अनुसार, इस इलाके में नीचे खोखली बलुई मिट्टी मौजूद है, जो भूकंप की तरंगों को देर तक महसूस कराने में मदद करती है। दिल्ली-नोएडा और गाजियाबाद की इमारतें रिक्टर स्केल पर 7 की तीव्रता तक का कंपन झेल सकती हैं।

दिल्ली-एनसीआर क्षेत्र भूकंप के खतरे के लिहाज से सीस्मिक जोन-4 में आता है। इस क्षेत्र की भौगोलिक स्थिति और भूकंप की आवृत्ति ने लोगों में डर पैदा कर दिया है।

राहत की बात

हालांकि, राहत की बात यह है कि भूकंप के झटकों से अभी तक किसी भी जान-माल के नुकसान की खबर नहीं आई है। स्थानीय प्रशासन ने लोगों से सतर्क रहने और किसी भी प्रकार की आपात स्थिति के लिए तैयार रहने की अपील की है।

दिल्ली-एनसीआर क्षेत्र में भूकंप के झटके कोई नई बात नहीं है। इससे पहले, 29 अगस्त को भी एक हल्का भूकंप महसूस किया गया था, जब अफगानिस्तान में 5.7 की तीव्रता का भूकंप आया था। इस भूकंप की गहराई 255 किलोमीटर थी।

नोएडा-गाजियाबाद में भूकंप के झटकों ने एक बार फिर से इस क्षेत्र की भूकंपीय संवेदनशीलता को उजागर किया है। स्थानीय निवासियों को सलाह दी गई है कि वे भूकंप के दौरान सुरक्षित रहने के उपायों को समझें और अपने आसपास की स्थिति पर नजर रखें। इस घटना ने एक बार फिर से भूकंप के प्रति जागरूकता बढ़ाने की आवश्यकता को रेखांकित किया है।

विशेषज्ञों का मानना है कि दिल्ली-एनसीआर क्षेत्र में भूकंप के खतरे को कम करने के लिए इमारतों को भूकंप प्रतिरोधी बनाया जाना चाहिए। साथ ही, लोगों को भूकंप के दौरान और बाद में क्या करना चाहिए, इसके बारे में जागरूक किया जाना चाहिए।