“ऑक्ल्ट साइंस सम्मिट 2025 में गुरुजी गौतम ऋषि को “ज्योतिष शिरोमणि सम्मान” से अलंकृत किया गया”

अहमदाबाद, 29 जून 2025 — मिराल फाउंडेशन द्वारा आयोजित 37वें ग्लोबल ऑक्ल्ट साइंस सम्मिट 2025 के भव्य एवं दिव्य आयोजन में भारत के प्रतिष्ठित ज्योतिषाचार्य एवं जीवन-दर्शन के ज्ञाता गुरुजी गौतम ऋषि जी को उनकी ज्योतिषीय सेवाओं एवं शोधपरक योगदान के लिए विशिष्ट पुरस्कार “ज्योतिष शिरोमणि” से सम्मानित किया गया।
यह सम्मान उन्हें देश-विदेश से पधारे ख्यातिप्राप्त ज्योतिषाचार्यों, वैज्ञानिकों व अध्यात्मविदों की उपस्थिति में मंच से प्रदान किया गया, जिनमें प्रमुख रूप से डॉ. जी. डी. वशिष्ठ, डॉ. अजय भाम्भी, सद्गुरु माँ उषा, डॉ. गणेश दुबे, आचार्य अनिल वत्स, स्वामी साझानंद सरस्वती, श्री पिठाधीश्वर महंत भगवान जी एवं मिराल फाउंडेशन की अध्यक्ष श्रीमती मीता जानी शामिल रहे।
मुख्य अतिथि के रूप में आमंत्रित गुरुजी गौतम ऋषि जी ने अपने गहन वक्तव्य में ज्योतिषीय गणनाओं की वैज्ञानिक प्रमाणिकता, समय-सापेक्ष भविष्यवाणी की प्रामाणिकता, तथा ज्योतिष और आधुनिक विज्ञान के अंतर्संबंधों पर प्रकाश डाला। उन्होंने स्पष्ट किया कि “ज्योतिष केवल एक परंपरा नहीं, अपितु मानव जीवन की दिशा और दशा को विवेचित करने वाली वैज्ञानिक विश्लेषण प्रणाली है।”
इस अंतरराष्ट्रीय मंच पर उनकी उपस्थिति और व्याख्यान ने उपस्थित विद्वत समाज को एक नई शोध-दृष्टि प्रदान की। उनके विचारों ने दर्शाया कि ज्योतिष को केवल भविष्यवाणी तक सीमित न मानते हुए, इसे तर्क, अनुभव और आध्यात्मिक चेतना के समन्वित माध्यम के रूप में देखा जाना चाहिए।
इस अवसर पर ज्योतिषाचार्य श्री हिरेंद्र शुक्ल जी के मंच संचालन की भी विशेष सराहना हुई। उनकी वाणी में जैसे स्वयं सरस्वती का वास दृष्टिगोचर हुआ। उन्होंने अपनी विद्वता, संतुलित भाषा, शास्त्र-सम्मत दृष्टिकोण और आत्मीय प्रस्तुति से पूरे सम्मेलन को एक उत्कृष्ट बौद्धिक ऊँचाई प्रदान की। उनकी शैली में गंभीरता, विनम्रता और सटीकता का अनूठा संगम रहा, जिससे समस्त श्रोता-वर्ग मंत्रमुग्ध हो उठा।
गुरुजी गौतम ऋषि ने मंच से सभी उपस्थित विद्वानों, आमंत्रित अतिथियों, तथा मिराल फाउंडेशन की अध्यक्ष श्रीमती मीता जानी जी का हार्दिक धन्यवाद ज्ञापित करते हुए आशा व्यक्त की कि “इस प्रकार के अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन ज्योतिषीय परंपरा को अंधविश्वास से मुक्त कर वैज्ञानिक विवेक से जोड़ने की दिशा में सशक्त माध्यम सिद्ध होंगे।”