साइबर अपराधियों ने नोएडा सेक्टर-46 के निवासी को 8 लाख रुपये ठगने के लिए डिजिटल अरेस्ट किया
साइबर अपराधियों ने एक व्यक्ति को पार्सल पकड़े जाने की सूचना देकर डिजिटल अरेस्ट कर लिया और उससे 8 लाख रुपये की ठगी की। यह घटना सेक्टर-46 निवासी सुरेंद्र पाल वशिष्ठ के साथ हुई। पुलिस ने इस मामले में केस दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।
डिजिटल अरेस्ट का खेल
19 अक्टूबर को सुरेंद्र पाल वशिष्ठ को एक कॉल आई। कॉल करने वाले ने खुद को कस्टम अधिकारी बताते हुए कहा कि उनकी आईडी का उपयोग कर मलेशिया भेजा जा रहा पार्सल मुंबई पुलिस ने पकड़ा है। इस पार्सल में ड्रग्स और नशीले पदार्थ होने की बात कही गई। सुरेंद्र ने इससे इनकार किया, लेकिन जालसाजों ने डराकर उन्हें बताया कि मामले की जांच अंधेरी पुलिस स्टेशन द्वारा की जा रही है।
इसके बाद, जालसाजों ने वीडियो कॉल के जरिए सुरेंद्र को निगरानी में ले लिया। उन्होंने खुद को पुलिसकर्मी बताकर कहा कि उनके नाम से एक बैंक खाता खुला हुआ है, जिसमें मानव तस्करी के करोड़ों रुपये जमा हैं। इसके बाद उन्होंने आधार कार्ड नंबर और बैंक खाते की जानकारी मांगी। सुरेंद्र ने बताया कि उन्होंने ऐसा कुछ नहीं किया, लेकिन जालसाजों ने उन्हें फर्जी अंधेरी न्यायिक मजिस्ट्रेट कोर्ट में भेजा गया नोटिस दिखाया।
ठगी का तरीका
जालसाजों ने सुरेंद्र को एक नोटिस भेजा, जिसमें 8 लाख रुपये जमा करने का उल्लेख था। दबाव में आकर सुरेंद्र ने आरटीजीएस के माध्यम से पैसे ट्रांसफर कर दिए। इसके बाद जब जालसाजों ने फिर से पैसे मांगने के लिए कॉल की, तब सुरेंद्र को ठगी का एहसास हुआ।
इस घटना के बाद सुरेंद्र ने सेक्टर-36 साइबर क्राइम थाने में शिकायत दर्ज कराई। पुलिस ने तुरंत कार्रवाई करते हुए केस दर्ज किया और जांच शुरू कर दी है। यह मामला साइबर अपराध की बढ़ती घटनाओं का एक उदाहरण है, जिसमें लोग आसानी से ठगी का शिकार बन रहे हैं।