नोएडा में कॉल स्पूफिंग के जरिए पुलिस पर दबाव बनाने वाली महिला गिरफ्तार
नोएडा के सैक्टर-142 थाना पुलिस और साइबर टीम ने संयुक्त कार्रवाई करते हुए स्पूफिंग कॉल के माध्यम से उच्च अधिकारियों के सीयूजी नंबर से फर्जी कॉल करके पुलिस पर दबाव बनाने वाली एक महिला आरोपी सहित दो लोगों को 9 सितंबर को गिरफ्तार किया। इस मामले में पुलिस ने गुरुवार को आरोपी महिला को रिमांड पर लेकर पूछताछ की, जिसमें उसने कई अहम खुलासे किए हैं।
पुलिस की कार्रवाई और गिरफ्तारी
सेंट्रल नोएडा के डीसीपी शक्ति मोहन अवस्थी के अनुसार, सेक्टर 142 थाने पर दर्ज एक मुकदमे के आधार पर वादी के मोबाइल फोन सीडीआर और अन्य साक्ष्यों की जांच की गई। इसके बाद तिवारी कैम्पस, थाना सदर बाजार मेरठ निवासी जोया खान और कृष्णा नगर, सफदरजंग इन्क्लेव निवासी गौरव अग्रवाल को गिरफ्तार कर जेल भेजा गया।
वर्तमान में आरोपी जोया खान न्यायिक अभिरक्षा में जिला कारागार गौतमबुद्धनगर में निरुद्ध है।पुलिस ने रिमांड पर लेकर पूछताछ की, जिसमें जोया खान ने पूरे मामले का खुलासा किया। डीसीपी ने बताया कि कॉल स्पूफिंग एक खतरनाक प्रक्रिया है, जिसमें कॉलर आईडी को बदल दिया जाता है, जिससे ऐसा प्रतीत होता है कि वह किसी विश्वसनीय नंबर से कॉल कर रहा है।
स्पूफिंग कॉल का तरीका
पूछताछ में जोया खान ने खुलासा किया कि उसने “पोर्टसिप” नामक ऐप डाउनलोड करके एसएचओ सेक्टर 142 के नंबर से स्पूफ कॉल की। उसने अन्य अधिकारियों के नंबर का उपयोग करके अपने रिश्तेदारों पर दबाव डाला ताकि वे नेहा की गिरफ्तारी के लिए पैरवी न करें। इसके अलावा, उसने एंटी करप्शन ब्यूरो, रॉ और अन्य अधिकारियों के नाम से भी कॉल की।
जोया खान ने बताया कि वह “मैजिक कॉल” नामक तकनीक का उपयोग करके पुरुष की आवाज में कॉल करती थी। उसने इस प्रक्रिया में अपने एक सहयोगी से 8000 रुपये भी लिए थे, जिसे उसने क्रिप्टोकरंसी खरीदने और स्पूफिंग सॉफ़्टवेयर की भुगतान के लिए इस्तेमाल किया। यह दर्शाता है कि वह केवल फर्जी कॉल करने तक सीमित नहीं थी, बल्कि उसने तकनीकी साधनों का भी सहारा लिया।
अतीत की धोखाधड़ी घटनाएँ
जोया खान पर पहले भी विभिन्न थानों में धोखाधड़ी के मामले दर्ज हैं। उसने खुद को संयुक्त सचिव और अंडर सेक्रेटरी (MEA) बताकर वरिष्ठ अधिकारियों से सुरक्षा मांगने का प्रयास किया था। उसकी गतिविधियों ने उसे कई बार कानून के दायरे में लाया है।
जोया खान पहले यूपीएससी की तैयारी कर चुकी थी, लेकिन असफल होने पर उसने समाज में रुतबा कायम करने के लिए फर्जी अधिकारी बनकर कॉल करने का काम शुरू किया। उसने खुद को कई बार उच्च सरकारी पदों पर पेश किया था, जिसमें संयुक्त सचिव विदेश मंत्रालय का पद भी शामिल था। उसके खिलाफ पहले भी कई रिपोर्ट दर्ज हो चुकी हैं, जिसमें उसने उच्च अधिकारियों से सुरक्षा मांगने का प्रयास किया था।