उत्तर प्रदेश का पहला अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा: जेवर एयरपोर्ट की शुरुआत अप्रैल 2025 में
उत्तर प्रदेश का पहला अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा, जेवर एयरपोर्ट, अप्रैल 2025 में अपने पहले उड़ान के लिए तैयार है। नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट के मुख्य सीईओ, डॉ. अरुणवीर सिंह ने हाल ही में इस बात की पुष्टि की कि सभी आवश्यक तैयारियां युद्धस्तर पर चल रही हैं। यह एयरपोर्ट न केवल उत्तर प्रदेश बल्कि पूरे एनसीआर क्षेत्र के लिए एक महत्वपूर्ण विमानन केंद्र बनने जा रहा है।
जेवर एयरपोर्ट का निर्माण कार्य तेजी से प्रगति पर है। इसका उद्देश्य दिल्ली-एनसीआर क्षेत्र में हवाई यातायात की मांग को पूरा करना है। इस परियोजना के तहत, एयरपोर्ट को आधुनिकतम सुविधाओं से लैस किया जाएगा, जिससे यात्रियों को बेहतर अनुभव मिल सकेगा।
निर्माण प्रगति और कैलिब्रेशन
1 अक्टूबर को एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया और अन्य संबंधित विभागों के साथ फ्लाइट शेड्यूलिंग पर एक वर्चुअल बैठक हुई। इस बैठक में विभिन्न पहलुओं पर चर्चा की गई, जिसमें सुरक्षा मानक, तकनीकी उपकरणों की स्थिति और संचालन संबंधी प्रक्रियाएं शामिल थीं।
इसके बाद, 15 से 18 अक्टूबर तक एयरपोर्ट का पहला कैलिब्रेशन सफलतापूर्वक पूरा किया गया।इस कैलिब्रेशन प्रक्रिया में लगभग 3950 मीटर लंबे रनवे पर सभी उपकरणों की जांच की गई। इसमें रनवे की ढलान, हवा की दिशा और अन्य इंस्ट्रूमेंट्स शामिल थे। यह सुनिश्चित किया गया कि सभी तकनीकी मानक उच्चतम स्तर पर हों, ताकि विमान सुरक्षित लैंडिंग कर सकें।
दूसरा चरण: नवंबर से दिसंबर तक
डॉ. सिंह ने बताया कि दूसरे चरण की गतिविधियाँ 15 नवंबर से 15 दिसंबर तक चलेंगी। इस दौरान, अकासा और इंडिगो एयरलाइंस के साथ-साथ एयरपोर्ट अथॉरिटी के विमान नियमित उड़ान भरेंगे। यह चरण लैंडिंग सिस्टम और रनवे की विस्तृत जांच करने पर केंद्रित होगा।
इस परीक्षण अवधि के दौरान, विशेषज्ञों द्वारा सभी तकनीकी उपकरणों का गहन निरीक्षण किया जाएगा। एक महीने की टेस्टिंग के बाद संपूर्ण डाटा डीजीसीए की वेबसाइट पर अपलोड किया जाएगा, जिससे सभी संबंधित पक्षों को जानकारी उपलब्ध होगी।
अंतरराष्ट्रीय उड़ानों की तैयारी
20 दिसंबर को एरोड्रम लाइसेंसिंग के लिए आवेदन किया जाएगा, जिसे 90 दिनों के भीतर प्राप्त करने की उम्मीद है। अंतरराष्ट्रीय उड़ानों के लिए आईएटीए से अनुमति भी मिल चुकी है। पहले दिन से ही तीन अंतरराष्ट्रीय मार्गों पर उड़ानें शुरू होंगी, जिनका अनुमोदन भारत सरकार से प्रतीक्षित है।
इन मार्गों का चयन यात्रियों की आवश्यकताओं और बाजार की मांग के आधार पर किया गया है। इससे न केवल स्थानीय यात्रियों को लाभ होगा, बल्कि यह क्षेत्रीय व्यापार और पर्यटन को भी बढ़ावा देगा।
घरेलू और कार्गो सेवाएं
जेवर एयरपोर्ट से प्रतिदिन लगभग 25 घरेलू उड़ानें संचालित होंगी। इसके साथ ही, कार्गो सेवाएं भी पहले दिन से शुरू होंगी। प्रारंभिक चरण में 28-30 फ्लाइट्स का संचालन किया जाएगा, जिनकी संख्या धीरे-धीरे बढ़ाई जाएगी।
इस एयरपोर्ट में कुल 10 गेट होंगे, जो इसे 200-250 फ्लाइट्स संभालने की क्षमता प्रदान करेंगे। डॉ. सिंह ने कहा कि यह एयरपोर्ट न केवल उत्तर प्रदेश बल्कि पूरे एनसीआर क्षेत्र के लिए एक महत्वपूर्ण विमानन हब साबित होगा।