प्रियंका गांधी वाड्रा ने वायनाड उपचुनाव के लिए भरा नामांकन, रोड शो में जुटा समर्थन
कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने आज वायनाड लोकसभा उपचुनाव के लिए अपना नामांकन पत्र भरा। इस अवसर पर उनके साथ कई स्थानीय नेता भी मौजूद रहे। नामांकन के बाद प्रियंका ने एक भव्य रोड शो का आयोजन किया, जिसमें उनके भाई राहुल गांधी, मां सोनिया गांधी और पति रॉबर्ट वाड्रा भी शामिल हुए। यह चुनाव प्रियंका के राजनीतिक करियर का पहला चुनाव है, जिससे उनके समर्थकों में उत्साह की लहर है।
प्रियंका गांधी ने इस मौके पर कहा, “यह पहली बार है जब मैं अपने लिए वोट मांग रही हूं। पिछले 35 सालों से मैं चुनावों में प्रचार कर रही हूं, लेकिन अब मैं आपके समर्थन की मांग कर रही हूं।” उनका यह बयान दर्शाता है कि वह इस चुनाव को लेकर कितनी गंभीर हैं और इसे अपने राजनीतिक जीवन का महत्वपूर्ण मोड़ मानती हैं।
कांग्रेस का समर्थन और उत्साह
प्रियंका के नामांकन पर कांग्रेस सांसद जेबी माथेर ने कहा, “यह ऊर्जा जो आप यहां देख रहे हैं, वह हमारे लिए बहुत महत्वपूर्ण है। हम सभी चाहते थे कि प्रियंका किसी भी सीट से चुनाव लड़ें, लेकिन वायनाड में उनका आना हमारे लिए सौभाग्य की बात है।”
माथेर ने यह भी कहा कि यह चुनाव वायनाड और केरल के लिए ऐतिहासिक होगा।इस रोड शो में तेलंगाना के मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी, छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल, और कांग्रेस महासचिव केसी वेणुगोपाल जैसे कई वरिष्ठ नेता भी शामिल हुए। इन नेताओं की उपस्थिति ने इस कार्यक्रम को और भी महत्वपूर्ण बना दिया है। पार्टी कार्यकर्ताओं ने पूरे शहर को सजाया है, जिससे यह स्पष्ट होता है कि कांग्रेस पार्टी इस चुनाव को लेकर कितनी गंभीर है।
भाजपा की चुनौती
वहीं, भाजपा उम्मीदवार नव्या हरिदास ने प्रियंका गांधी को कड़ी चुनौती दी है। उन्होंने कहा कि आगामी उपचुनाव में प्रियंका को कड़ी प्रतिस्पर्धा का सामना करना पड़ेगा। नव्या ने कहा, “मेरी प्रतिद्वंद्वी प्रियंका गांधी हैं। मैं केवल इतना कहना चाहूंगी कि वायनाड में कांग्रेस को कड़ी चुनौती का सामना करना पड़ेगा।”
नव्या हरिदास ने यह भी बताया कि पिछले पांच वर्षों में राहुल गांधी शायद ही इस निर्वाचन क्षेत्र का दौरा किया हो। उन्होंने आरोप लगाया कि जब वायनाड के लोगों को भूस्खलन जैसी समस्याओं का सामना करना पड़ा, तब उनके पास संसद में कोई प्रतिनिधि नहीं था। नव्या का यह बयान दर्शाता है कि भाजपा इस चुनाव को लेकर कितनी गंभीरता से तैयारी कर रही है।
प्रियंका का राजनीतिक सफर
प्रियंका गांधी का यह पहला लोकसभा चुनाव है, जिसमें वह अपने परिवार की राजनीतिक विरासत को आगे बढ़ाने जा रही हैं। उनका नामांकन इस बात का संकेत है कि वे सक्रिय राजनीति में अपनी पहचान बनाना चाहती हैं। इससे पहले, प्रियंका ने अपने भाई राहुल गांधी और मां सोनिया गांधी के लिए कई चुनावों में प्रचार किया है।
इस उपचुनाव में प्रियंका का मुकाबला वाम लोकतांत्रिक मोर्चा (एलडीएफ) के सत्यन मोकेरी से भी होगा। 13 नवंबर को होने वाले इस उपचुनाव में सभी पार्टियों के उम्मीदवार अपनी-अपनी ताकत दिखाने की कोशिश करेंगे। मतगणना 23 नवंबर को होगी, जिससे यह स्पष्ट होगा कि कौन सी पार्टी जीत हासिल करती है।