नोएडा: हनीट्रैप गैंग का भंडाफोड़, मास्टरमाइंड और साथियों ने वसूले लाखों रुपये

नोएडा पुलिस ने हनीट्रैप के जरिए ब्लैकमेल और वसूली करने वाले गिरोह को धर दबोचा है। गिरोह में मास्टरमाइंड समेत पांच लोग शामिल थे, जिनमें दो महिलाएं भी हैं। यह गैंग बीते तीन महीनों से सक्रिय था और अब तक 24 से ज्यादा लोगों से करीब 25-30 लाख रुपये ठग चुका है।

गैंग का तरीका बेहद शातिर था। सोशल मीडिया और डेटिंग वेबसाइट्स पर शिकार ढूंढने के बाद, सुंदर तस्वीरों और मीठी बातों के जरिए लोगों को जाल में फंसाया जाता था। मुलाकात के लिए बुलाकर उन्हें रेप या छेड़छाड़ के झूठे केस में फंसाने की धमकी देकर भारी रकम वसूली जाती थी।

कैसे हुआ गिरोह का पर्दाफाश?

डीसीपी सेंट्रल नोएडा शक्ति मोहन अवस्थी ने बताया कि 23 नवंबर को गिरोह ने एक युवक को निशाना बनाया। पीड़ित ने इंटरनेट पर डेटिंग वेबसाइट पर अपना नंबर दिया था। इसके बाद, गैंग में शामिल महिलाओं ने युवक से संपर्क किया और उसे मिलने बुलाया। मुलाकात के दौरान, झूठे केस में फंसाने की धमकी देकर उससे 2.40 लाख रुपये वसूले गए।

युवक से 1 लाख रुपये और मांगे गए। पैसा न होने पर, परेशान युवक ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई। जांच के दौरान, पुलिस ने वसूली की रकम के बैंक खाते का पता लगाकर आरोपियों तक पहुंच बनाई।

लालू यादव: गैंग का मास्टरमाइंड

पुलिस के मुताबिक, गैंग का मास्टरमाइंड लालू यादव झारखंड का रहने वाला है। उसने इतिहास में बीए किया था और जल्द अमीर बनने की चाह में इस अपराध की दुनिया में कदम रखा। लालू और उसकी प्रेमिका मिलकर इस गैंग को चला रहे थे। दोनों सहमति से साथ रह रहे थे और अपराध की योजना को अंजाम देते थे।

गैंग ने इंटरनेट पर “मीट रियल गर्ल्स दिल्ली” नाम से फर्जी लिंक बनाए थे। डेटिंग वेबसाइट्स और ऐप्स पर लोग अपनी जानकारी साझा करते थे। इसके बाद, गैंग से जुड़ी महिलाएं उनसे संपर्क करती थीं। लड़कियों की तस्वीरें भेजकर दोस्ती की शुरुआत की जाती थी।

शिकार को मिलने के लिए किसी सुनसान जगह बुलाया जाता था। वहां, गैंग की महिला सदस्य पीड़ित की गाड़ी में बैठ जाती थी। कुछ देर बाद, गैंग के अन्य सदस्य कार में आकर झूठे केस में फंसाने की धमकी देते थे। वीडियो बनाकर पीड़ित को ब्लैकमेल किया जाता था।

पुलिस कर रही है आगे की जांच

नोएडा पुलिस ने गैंग के पांच आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है। इनके कब्जे से मोबाइल फोन, बैंक खाते की डिटेल और अन्य दस्तावेज बरामद किए गए हैं। पुलिस ने बताया कि गैंग में और भी सदस्य शामिल हो सकते हैं। उनकी पहचान और गिरफ्तारी के प्रयास जारी हैं।

डीसीपी शक्ति मोहन अवस्थी ने कहा, “यह मामला बेहद गंभीर है। हम यह सुनिश्चित कर रहे हैं कि सभी आरोपियों को न्याय के कटघरे में खड़ा किया जाए।”