यमुना अथॉरिटी घोटाला: हाईकोर्ट की सख्ती, चेयरमैन अनिल सागर पर गिरी गाज

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Anil Sagar

इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ पीठ ने यमुना अथॉरिटी में हुए घोटाले को लेकर उत्तर प्रदेश सरकार को आड़े हाथ लिया। कोर्ट ने स्पष्ट चेतावनी दी कि अगर सरकार कार्रवाई नहीं करती, तो सीबीआई जांच के आदेश दिए जाएंगे। कोर्ट के आदेश के बाद, योगी सरकार ने शनिवार को यमुना अथॉरिटी के चेयरमैन अनिल कुमार सागर को उनके पद से हटा दिया।

उन्हें प्रतीक्षारत सूची में डाल दिया गया है। कोर्ट ने साफ कहा कि 18 दिसंबर को मामले की अगली सुनवाई के दौरान यदि आदेश का पालन नहीं हुआ, तो सीबीआई जांच की प्रक्रिया शुरू होगी।

जमीन आवंटन में घोटालों के आरोप

यमुना अथॉरिटी लंबे समय से विवादों में रही है। जमीन आवंटन और परियोजनाओं में अनियमितताओं के आरोप पहले भी सामने आए हैं। इस बार, कोर्ट ने सीधे चेयरमैन अनिल सागर की भूमिका पर सवाल उठाए हैं। याचिका में कहा गया है कि उन्होंने बिल्डर्स के प्रोजेक्ट्स को अपने विवेक से मंजूरी या अस्वीकृति दी।

कोर्ट में प्रस्तुत याचिका में आरोप लगाया गया कि अनिल सागर ने समान प्रकृति के तीन मामलों में अलग-अलग फैसले दिए।

  • किसी प्रोजेक्ट को मंजूरी दी गई।
  • किसी को रद्द कर दिया गया।
  • वहीं, अन्य को बहाल कर दिया गया।

इन फैसलों ने उनके कामकाज पर सवाल खड़े किए हैं। जस्टिस पंकज भाटिया ने कहा, “यह स्पष्ट है कि यहां मनमानी हुई है। सरकार को तुरंत कार्रवाई करनी होगी।”

औद्योगिक विकास विभाग की भूमिका पर भी सवाल

नोएडा, ग्रेटर नोएडा और यमुना अथॉरिटी में जमीन आवंटन और परियोजनाओं के प्रबंधन में गड़बड़ियां नई बात नहीं हैं। औद्योगिक विकास विभाग पर भी बिल्डर्स और अधिकारियों के बीच सांठगांठ के आरोप लगते रहे हैं। हाईकोर्ट ने इन आरोपों को गंभीरता से लिया और कहा कि अब मामले को दबाने की कोई गुंजाइश नहीं बची है।

हाईकोर्ट ने घोटाले के कई सबूतों की ओर इशारा किया। यमुना अथॉरिटी की फाइलों की जांच में गड़बड़ियां पाई गईं। इन फाइलों में बिल्डर्स के साथ संदिग्ध डीलिंग के संकेत मिले।

सरकार को स्पष्ट निर्देश दिए गए हैं कि चेयरमैन समेत अन्य जिम्मेदार अधिकारियों पर कार्रवाई की जाए। यदि सरकार कार्रवाई में विफल होती है, तो मामला सीबीआई के हाथों सौंपा जाएगा।

योगी सरकार ने हाईकोर्ट की सख्ती के बाद तत्काल प्रभाव से कार्रवाई की। अनिल सागर को पद से हटाया गया, लेकिन अभी अन्य आरोपियों पर कोई कार्रवाई नहीं हुई है। इस मामले में सोमवार को कोर्ट में फिर से सुनवाई होगी।

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