वन नेशन वन इलेक्शन: प्रियंका गांधी सहित कई प्रमुख नेता जेपीसी में शामिल

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Priyanka Gandhi

नई दिल्ली, 18 दिसंबर 2024 — वन नेशन वन इलेक्शन बिल पर चर्चा अब और तेज हो गई है। इसे आगे बढ़ाते हुए सरकार ने इसे संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) को सौंपने का फैसला किया है। सूत्रों के मुताबिक, कांग्रेस की ओर से प्रियंका गांधी का नाम इस समिति में शामिल किया गया है।

जेपीसी में कौन-कौन होंगे शामिल?

सूत्रों की मानें तो जेपीसी में कांग्रेस की तरफ से प्रियंका गांधी के अलावा मनीष तिवारी, रणदीप सुरजेवाला और सुखदेव भगत भी हिस्सा लेंगे। अन्य दलों से भी प्रमुख नेताओं को इस समिति में जगह दी गई है। तृणमूल कांग्रेस की ओर से कल्याण बनर्जी और साकेत गोखले को नामित किया गया है। वहीं, शिवसेना (शिंदे गुट) की तरफ से श्रीकांत शामिल होंगे।

वन नेशन वन इलेक्शन बिल को 129वें संविधान संशोधन के रूप में केंद्रीय मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने मंगलवार को लोकसभा में पेश किया। अब यह बिल जेपीसी में चर्चा के लिए भेजा जा रहा है। अगर यह बिल समिति की मंजूरी और संसद के दोनों सदनों से पारित हो जाता है, तो इसे राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू की स्वीकृति के लिए भेजा जाएगा। राष्ट्रपति के साइन करते ही यह बिल कानून बन जाएगा।

देशभर में एक साथ चुनाव: 2029 तक की तैयारी

अगर वन नेशन वन इलेक्शन कानून बन जाता है, तो 2029 तक पूरे देश में लोकसभा और विधानसभा चुनाव एक साथ कराए जाएंगे। सरकार का कहना है कि इससे चुनावी खर्चों में कमी आएगी और विकास कार्यों पर पड़ने वाला असर भी कम होगा।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नवंबर 2020 में कई मंचों पर “एक देश, एक चुनाव” की आवश्यकता पर जोर दिया था। उन्होंने कहा था, “यह भारत की जरूरत है। हर कुछ महीनों में कहीं न कहीं चुनाव होते हैं, जिससे विकास कार्य बाधित होते हैं।” उनका मानना है कि एक साथ चुनाव कराने से न केवल समय और धन की बचत होगी, बल्कि प्रशासनिक प्रक्रिया भी सुगम होगी।

फिलहाल, भारत में लोकसभा और राज्यों की विधानसभाओं के चुनाव अलग-अलग समय पर होते हैं। वन नेशन वन इलेक्शन का उद्देश्य है कि पूरे देश में सभी चुनाव एक साथ कराए जाएं। इससे न केवल संसाधनों की बचत होगी, बल्कि जनता के समय और श्रम की भी बचत होगी।

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