नए साल में सेहत को बनाएं प्राथमिकता: डाइटिशियन शिवानी असवाल की खास सलाह

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Dietician Shivani Aswal

नए साल में सेहत को बनाएं प्राथमिकता: डाइटिशियन शिवानी असवाल की खास सलाह

नया साल नई उम्मीदों और ऊर्जा के साथ आता है। लेकिन अक्सर लोग शॉर्ट टर्म गोल सेट कर लेते हैं, जो जल्द ही दम तोड़ देते हैं। डाइटिशियन शिवानी असवाल ने नए साल में स्वस्थ रहने के लिए लॉन्ग टर्म प्लानिंग पर जोर दिया है। उनका मानना है कि छोटे-छोटे बदलाव बड़े नतीजे ला सकते हैं।

यथार्थवादी पोषण लक्ष्य कैसे बनाएं?

डाइटिशियन शिवानी असवाल के अनुसार, कठोर बदलाव लंबे समय तक टिकाऊ नहीं होते। इसके बजाय, छोटे बदलाव को अपनाना बेहतर है।

  • सब्जियों का सेवन बढ़ाएं: दाल में पालक मिलाएं या इडली बैटर में कद्दूकस की सब्जियां डालें।
  • मील प्लानिंग को प्राथमिकता दें: पोषण से भरपूर आहार के लिए फल, मेवे, और साबुत अनाज का चयन करें।
  • मीठे पेय में कटौती करें: सोडा की जगह पानी या हर्बल चाय को अपनाएं।

छोटे कदम उठाएं और प्रगति पर नजर रखें

डाइटिशियन का सुझाव है कि छोटे-छोटे गोल सेट करें। ये आपको प्रेरित रखने में मदद करेंगे।

  • फ़ूड डायरी बनाए रखें: दैनिक आदतों को ट्रैक करें।
  • प्रत्येक उपलब्धि को सेलिब्रेट करें: हर इंच या किलोग्राम की कमी पर खुश हों।
  • ध्यान दें अनुशासन पर: तत्काल परिणाम की बजाय निरंतरता को प्राथमिकता दें।

फिटनेस को मनोरंजन में बदलें

स्वस्थ जीवनशैली का मतलब केवल जिम जाना नहीं है। अपनी पसंद की गतिविधियाँ खोजें।

  • पैदल चलें या योग करें: जो भी गतिविधि आपको आनंद दे, उसे चुनें।
  • नियमितता बनाए रखें: सप्ताह में तीन बार 30 मिनट वर्कआउट से शुरुआत करें।
  • मनोबल बढ़ाएं: किसी फिटनेस मित्र के साथ जुड़ें और अपनी प्रगति ट्रैक करें।

मानसिक स्वास्थ्य पर भी दें ध्यान

शिवानी असवाल ने मानसिक स्वास्थ्य पर भी जोर दिया। उनका कहना है कि खुद की देखभाल भी जरूरी है।

  • स्क्रीन टाइम कम करें: सोने से पहले फोन या लैपटॉप से दूरी बनाएं।
  • सकारात्मकता अपनाएं: नकारात्मक सोच से बचें और अपने शरीर से प्यार करें।

क्यों जरूरी है लॉन्ग टर्म प्लानिंग?

शिवानी असवाल के अनुसार, सेहत का ख्याल केवल एक साल का संकल्प नहीं है। यह जीवनभर का निवेश है।

“छोटी शुरुआत करें, निरंतर बने रहें और इस साल को अपना सबसे स्वस्थ साल बनाएं।” उनका कहना है कि जब आप भोजन, व्यायाम और मानसिक स्वास्थ्य में संतुलन लाते हैं, तो जीवन की गुणवत्ता बेहतर हो जाती है।

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