नेतन्याहू ने स्वीकार किया, लेबनान में पेजर हमलों को दी थी मंजूरी

इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने हाल ही में स्वीकार किया है कि उन्होंने लेबनान में हुए पेजर हमलों को मंजूरी दी थी। यह हमले 17 सितंबर को हुए थे, जिसमें लगभग 40 लोग मारे गए और 3,000 से अधिक लोग घायल हुए। नेतन्याहू के प्रवक्ता ओमर दोस्तरी ने बताया कि यह पहली बार है जब इजरायल ने इस घटना में अपनी भूमिका स्वीकार की है।
पेजर हमलों का विवरण
17 सितंबर को, हिज़्बुल्लाह के सदस्यों द्वारा उपयोग किए जा रहे हजारों पेजरों में एक साथ विस्फोट हुए। ये विस्फोट इजरायल की एक रणनीति का हिस्सा थे, जिसका उद्देश्य हिज़्बुल्लाह की संचार प्रणाली को नष्ट करना था। इन पेजरों का उपयोग हिज़्बुल्लाह द्वारा इजरायल की निगरानी से बचने के लिए किया जाता था।
नेतन्याहू ने एक कैबिनेट बैठक में कहा, “पेजर ऑपरेशन और हिज़्बुल्लाह के नेता हसन नसरल्लाह का खात्मा वरिष्ठ अधिकारियों के विरोध के बावजूद किया गया।” यह बयान ऐसे समय आया है जब इजरायल सरकार पर विभिन्न आपराधिक जांचें चल रही हैं।
लेबनान का संयुक्त राष्ट्र में शिकायत दर्ज कराना
लेबनान ने हाल ही में इस घातक हमले को लेकर संयुक्त राष्ट्र में शिकायत दर्ज कराई है। इसमें इसे “मानवता के खिलाफ भीषण युद्ध” बताया गया है। इस शिकायत के बाद, इजरायल पर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर दबाव बढ़ गया है।
हिज़्बुल्लाह ने इन हमलों के लिए इजरायल को जिम्मेदार ठहराया है और प्रतिशोध की धमकी दी है। संगठन ने कहा कि इन विस्फोटों ने उनकी सुरक्षा प्रणाली को गंभीर रूप से कमजोर कर दिया है।
इजरायली हमलों का प्रभाव
पिछले साल 7 अक्टूबर को हमास द्वारा इजरायल पर किए गए हमले के बाद से, इजरायल और हिज़्बुल्लाह के बीच संघर्ष तेज हो गया है। इस दौरान लेबनान में इजरायली हमलों में 3,000 से अधिक लोग मारे जा चुके हैं।नेतन्याहू द्वारा पेजर हमलों की स्वीकृति ने इस क्षेत्र में तनाव और बढ़ा दिया है।
अब देखना होगा कि अंतरराष्ट्रीय समुदाय इस स्थिति पर क्या प्रतिक्रिया देता है और क्या यह संघर्ष और बढ़ेगा या इसमें कमी आएगी। इस घटनाक्रम ने मध्य पूर्व की सुरक्षा स्थिति को और जटिल बना दिया है, जहां पहले से ही कई शक्तियों के बीच टकराव जारी है।