समुद्र में भारत की ताकत का प्रदर्शन, पीएम मोदी ने दिया विस्तारवाद को करारा जवाब
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मुंबई के नेवल डॉकयार्ड में तीन अत्याधुनिक युद्धपोतों को भारतीय नौसेना में शामिल कर एक स्पष्ट संदेश दिया है। आईएनएस नीलगिरि, आईएनएस सूरत और आईएनएस वाघशीर को बुधवार को नौसेना में उतारते हुए पीएम मोदी ने कहा कि भारत विस्तारवाद में नहीं, बल्कि विकासवाद में विश्वास करता है। उनका यह बयान सीधे तौर पर एशिया-प्रशांत क्षेत्र में चीन की गतिविधियों पर निशाना था।
समुद्री ताकत का प्रदर्शन
आईएनएस नीलगिरि, आईएनएस सूरत और आईएनएस वाघशीर जैसे अत्याधुनिक युद्धपोतों का डिजाइन और निर्माण पूरी तरह भारत में हुआ है। पीएम मोदी ने इन पोतों को भारतीय रक्षा उत्पादन क्षमता का प्रतीक बताया।
उन्होंने कहा, “हमारा नीलगिरि चोल वंश के समुद्री सामर्थ्य को समर्पित है। सूरत वॉरशिप उस समय की याद दिलाता है जब भारत वेस्ट एशिया से जुड़ा था। वाघशीर भी हमारी ताकत का प्रतीक है।”
‘विकासवाद में विश्वास करता है भारत’
पीएम मोदी ने अपने संबोधन में कहा कि भारत हमेशा से खुले और सुरक्षित इंडो-पैसिफिक रीजन का समर्थक रहा है। उन्होंने ‘SAGAR’ का जिक्र करते हुए कहा, “सिक्योरिटी एंड ग्रोथ फॉर ऑल इन द रीजन, यही हमारा विजन है। भारत ने हमेशा सभी देशों के विकास और सुरक्षा को प्राथमिकता दी है।” उन्होंने कहा कि भारत ने वैश्विक मंच पर ‘वन अर्थ, वन फैमिली, वन फ्यूचर’ का मंत्र दिया है।
पीएम मोदी का यह बयान उन देशों के लिए सीधा संदेश है जो एशिया-प्रशांत क्षेत्र में अपनी सैन्य उपस्थिति बढ़ाने की कोशिश कर रहे हैं। उन्होंने कहा, “भारत पर दुनिया का भरोसा बढ़ रहा है। हमारी नौसेना ने सैकड़ों जानें बचाई हैं और हजारों करोड़ रुपये के नैशनल और इंटरनैशनल कार्गो की सुरक्षा की है।”
नौसेना की बढ़ती ताकत
आईएनएस नीलगिरि, परियोजना 17ए स्टील्थ फ्रिगेट श्रेणी का शीर्ष जहाज है। यह आधुनिक विमानन सुविधाओं से लैस है और विभिन्न हेलिकॉप्टर्स को ऑपरेट कर सकता है। आईएनएस सूरत, परियोजना 15 बी स्टील्थ विध्वंसक श्रेणी का चौथा और अंतिम पोत है। आईएनएस वाघशीर, स्कॉर्पीन श्रेणी की परियोजना 75 के तहत छठा और अंतिम युद्धपोत है।
प्रधानमंत्री ने कहा, “हमारी सेनाओं ने 5,000 से ज्यादा साजो-सामान की लिस्ट तैयार की है, जो अब विदेशों से नहीं मंगाए जाएंगे। कर्नाटक में देश की सबसे बड़ी हेलिकॉप्टर बनाने वाली फैक्ट्री शुरू हो चुकी है। जब भारतीय सैनिक भारत में बने उपकरणों के साथ आगे बढ़ते हैं, तो उनका आत्मविश्वास बढ़ता है।”
समुद्री सुरक्षा की प्राथमिकता
पीएम मोदी ने कहा कि भारत के लिए समुद्री सुरक्षा अत्यंत महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा, “आर्थिक प्रगति और ऊर्जा सुरक्षा के लिए ट्रेडिशनल और टेरिटोरियल वॉटर की सुरक्षा जरूरी है। हमें आतंकवाद, हथियारों और ड्रग्स की तस्करी से भी समुद्र को बचाना है।”
प्रधानमंत्री ने याद दिलाया कि जब दुनिया कोरोना महामारी से जूझ रही थी, तब भारत ने ‘वन अर्थ, वन हेल्थ’ का विजन दिया था। उन्होंने कहा, “हम पूरी दुनिया को एक परिवार मानते हैं। हम सबका साथ, सबका विकास के सिद्धांत पर चलते हैं।”