डायटीशियन पूनम असवाल की गाइड: हार्मोनल संतुलन के लिए बीज चक्रण कैसे करें?

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Poonam Aswal

तेजी से बदलती जीवनशैली और बढ़ते स्वास्थ्य जोखिमों के बीच महिलाओं में हार्मोनल असंतुलन एक आम समस्या बन गया है। डायटीशियन पूनम असवाल के अनुसार, “हर 100 में से 20-25 महिलाएं PCOS और PCOD जैसी समस्याओं से जूझ रही हैं।” ऐसे में प्राकृतिक तरीकों से हार्मोन संतुलन बनाए रखना बेहद ज़रूरी हो जाता है।

पूनम असवाल बताती हैं कि बीज चक्रण (Seed Cycling) एक प्रभावी तरीका हो सकता है, जिससे महिलाओं का मासिक धर्म नियमित रह सकता है और उनके संपूर्ण स्वास्थ्य को लाभ मिल सकता है।

क्या है बीज चक्रण?

बीज चक्रण एक प्राकृतिक प्रक्रिया है, जिसमें चार प्रकार के बीजों को मासिक धर्म चक्र के अनुसार खाया जाता है। यह सरल तरीका एस्ट्रोजन और प्रोजेस्टेरोन के स्तर को संतुलित करने में मदद करता है, जिससे मासिक धर्म की अनियमितता कम होती है।

बीज चक्रण कैसे करें?

1. फॉलिक्युलर चरण (चक्र के पहले 14 दिन – मासिक धर्म से ओव्यूलेशन तक)

  • 1-2 बड़े चम्मच पिसे हुए अलसी के बीज
  • 1-2 बड़े चम्मच पिसे हुए कद्दू के बीज

2. ल्यूटियल चरण (चक्र के दिन 15-28 – ओव्यूलेशन से मासिक धर्म तक)

  • 1-2 बड़े चम्मच पिसे हुए सूरजमुखी के बीज
  • 1-2 बड़े चम्मच पिसे हुए तिल के बीज

अगर किसी महिला का मासिक धर्म अनियमित है, तो वह चंद्रमा के चक्र के अनुसार बीज चक्रण कर सकती हैं।

बीज चक्रण के फायदे

1. हार्मोन संतुलन में मदद

बीज चक्रण एस्ट्रोजन और प्रोजेस्टेरोन के स्तर को नियंत्रित करता है, जिससे हार्मोनल असंतुलन के कारण होने वाली परेशानियाँ कम हो सकती हैं।

2. मासिक धर्म स्वास्थ्य में सुधार

बीजों में मौजूद पोषक तत्व मासिक धर्म चक्र को नियमित करने और पीएमएस के लक्षणों को कम करने में मदद कर सकते हैं।

3. प्रजनन क्षमता बढ़ाने में सहायक

हार्मोन संतुलन बनाए रखने से महिलाओं की फर्टिलिटी बढ़ सकती है और गर्भधारण में सहायता मिल सकती है।

4. पोषण से भरपूर

अलसी, कद्दू, सूरजमुखी और तिल के बीज स्वस्थ वसा, फाइबर, विटामिन और मिनरल्स का बेहतरीन स्रोत हैं, जो समग्र स्वास्थ्य को बेहतर बनाते हैं।

5. त्वचा और पाचन स्वास्थ्य में सुधार

बीजों में मौजूद एंटीऑक्सीडेंट और फाइबर त्वचा की चमक बनाए रखने और पाचन तंत्र को दुरुस्त रखने में मदद करते हैं।

बीज चक्रण शुरू करने के लिए सुझाव

  1. अच्छी गुणवत्ता वाले बीज चुनें: जैविक, कच्चे और बिना संसाधित बीज सबसे बेहतर होते हैं।
  2. बीजों को पीसकर खाएं: इससे शरीर में पोषक तत्वों का बेहतर अवशोषण होता है।
  3. नियमित रहें: सही असर के लिए इसे कम से कम 3 महीने तक अपनाएँ।
  4. संयमित मात्रा में लें: शुरुआत में 1 चम्मच प्रति दिन लें, फिर धीरे-धीरे बढ़ाएँ।
  5. डायटीशियन से सलाह लें: किसी भी नई डाइट को शुरू करने से पहले पोषण विशेषज्ञ से बात करें।

पूनम असवाल का संदेश: अपने हार्मोन का ख्याल रखें

डायटीशियन पूनम असवाल का मानना है कि “बीज चक्रण एक प्राकृतिक और प्रभावी तरीका है, जिससे महिलाएँ अपने हार्मोन को संतुलित रख सकती हैं।” सही पोषण और स्वस्थ जीवनशैली अपनाकर महिलाएँ स्वस्थ, ऊर्जावान और खुशहाल जीवन जी सकती हैं।

इस महिला दिवस पर, अपने स्वास्थ्य को प्राथमिकता दें और बीज चक्रण को अपने जीवन में शामिल करने की दिशा में एक कदम बढ़ाएँ। 🌿

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