राम मंदिर: पुजारियों के लिए सख्त नियम लागू, मोबाइल पर पूरी तरह से बैन
राम जन्मभूमि में पुजारियों की नई ड्यूटी व्यवस्था लागू हो गई है। पुजारियों को सात-सात के समूह में बांटा गया है, और उनकी ड्यूटी दो पालियों में निर्धारित की गई है। पहली पाली सुबह चार बजे से शुरू होती है और दोपहर साढ़े 12 बजे तक चलती है। दूसरी पाली साढ़े 12 बजे से रात्रि 10.30 बजे तक जारी रहती है।
गर्भगृह में ड्यूटी करने वाले पुजारी बाहर नहीं जा सकेंगे। वहीं, बाहर तैनात पुजारी गर्भगृह में प्रवेश नहीं कर पाएंगे। इस कड़ी व्यवस्था का उद्देश्य मंदिर के गर्भगृह की पवित्रता को बनाए रखना है। गर्भगृह में मोबाइल फोन के इस्तेमाल पर भी पूरी तरह से प्रतिबंध लगा दिया गया है।
स्नान के बिना प्रवेश वर्जित
पुजारियों को सख्त निर्देश दिए गए हैं कि किसी बाहरी व्यक्ति को स्पर्श करने के बाद, स्नान किए बिना गर्भगृह में प्रवेश करना मना होगा। स्पर्श का मतलब है कि पुजारी किसी श्रद्धालु को चंदन का टीका नहीं लगा सकेंगे और न ही माला पहनाएंगे।
इसके अलावा, शौच जाने के बाद भी स्नान किए बिना प्रवेश वर्जित होगा। मंदिर प्रशासन ने पुजारियों के फोन रखने के लिए अलग से व्यवस्था करने का निर्णय लिया है। यह कदम मंदिर की धार्मिक मर्यादा को बनाए रखने के लिए उठाया गया है।
ड्यूटी शेड्यूल में हर पखवाड़े बदलाव
पुजारियों की ड्यूटी में हर महीने कृष्ण पक्ष और शुक्ल पक्ष के आधार पर परिवर्तन होगा। यह बदलाव पखवाड़े की शुरुआत से अमावस्या और पूर्णिमा तक चलेगा। इस दौरान पुजारी भगवान के उत्थान से लेकर राजभोग आरती तक की सेवा करेंगे। हनुमान मंदिर और कुबेर टीला स्थित कुबेरेश्वर महादेव के पूजन-अर्चन के लिए भी पुजारियों की जिम्मेदारी तय की गई है।
प्रमुख अर्चक आचार्य सत्येंद्र दास ने बताया कि पुजारियों को मंदिर में होने वाले अनुष्ठानों की ड्यूटी अलग से दी जाएगी। यह सुनिश्चित किया गया है कि सभी नियमों का सख्ती से पालन हो।
मंदिर प्रशासन की नई पहल
मंदिर प्रशासन जल्द ही पुजारियों के लिए ड्रेस कोड भी लागू करेगा। एंड्रायड फोन के इस्तेमाल पर पहले दिन रोक नहीं थी, लेकिन इसे जल्द ही सख्ती से लागू किया जाएगा। ये नियम मंदिर की मर्यादा और आध्यात्मिक वातावरण को बनाए रखने के उद्देश्य से तैयार किए गए हैं।
मुख्य अर्चक ने बताया, “पुजारियों को गर्भगृह में प्रवेश के नियमों का हर हाल में पालन करना होगा। यह कदम मंदिर की पवित्रता सुनिश्चित करने के लिए उठाया गया है।”
मंदिर में लागू किए गए इन कड़े नियमों के बाद श्रद्धालुओं के अनुभव में भी बदलाव की संभावना है। पुजारियों के बाहरी व्यक्तियों को स्पर्श करने पर रोक लगने से भक्तों को चंदन टीका और माला पहनाने जैसी परंपराओं में बदलाव देखने को मिल सकता है। हालांकि, मंदिर प्रशासन ने स्पष्ट किया है कि ये बदलाव मंदिर की धार्मिक परंपराओं और शुद्धता को बनाए रखने के लिए हैं।